रविवार, 26 नवंबर 2017

26 नवम्बर: इतिहास की एक यादगार तारीख

एक तारीख मात्र से इतर 26 नवम्बर से अपना पहला 'ऐतिहासिक' परिचय सामान्य ज्ञान की कक्षा में हुआ, जहां मास्टर साहब ने बताया कि 26 नवम्बर को ही अपना संविधान लागू हुआ था... सामान्य ज्ञान मजबूत करने के क्रम में ही श्वेत क्रांति के जनक वर्गीस कुरियन के बारे में जानना हुआ और पता चला कि उनका जन्मदिन भी 26 नवम्बर ही है... वो 26 नवम्बर की ही घटना थी, जिसके बारे में अगले दिन ऑल इंडिया रेडियो ने खबर दी कि भारत की आर्थिक राजधानी आतंक की जद में आ गई है... 26 नवम्बर के इन्हीं परिचयों के साथ हम दिल्ली आ गए, यहां एक ऐसे शायर से सामना हुआ, जिनके शेर हमारे मातृत्व प्रेम की अभिव्यक्ति से मेल खाते थे, उन्हें और जानने की कोशिश ने बताया कि शायरी को महबूबा से माँ तक लाने वाले इस अजीम शायर मुनव्वर राणा का जन्मदिन 26 नवम्बर ही है... दिल्ली में पढ़ाई के क्रम में ही, सिस्टम को बदलने की मंशा वाले सियासी बदलाव के दौर से रूबरू होने का मौका मिला, जहां हमने 26 नवम्बर को ही, भ्रष्टाचार विरोध से निकले आंदोलन को 'आम आदमी पार्टी' के रूप में एक सियासी शक्ल लेते देखा... हालांकि देश और सिस्टम बदलने के नारे के साथ सत्ता तक पहुंची इस पार्टी की कार्यनीति भी वादों की बलिवेदी पर बदलने वाले इरादों की फेहरिस्त में शामिल होती दिखी, लेकिन इसी बीच 26 नवम्बर को ही बिहार में शराबबंदी की घोषणा के जरिए सियासत के एक ऐसे रूप से भी सामना हुआ, जिसने दिखाया कि सामाजिकता को बचाए-बनाए रखने के लिए सियासी फायदों को कुर्बानी देने का दौर अभी बचा हुआ है... तो अब तक के लिए हमारी नज़रों में 26 नवम्बर की ऐतिहासिकता इतनी ही है, आगे देखते हैं...