गुरुवार, 30 अक्तूबर 2014

कुछ याद इन्हें भी कर लें

सरदार पटेल के अखंड भारत की विरासत की बुनियाद को और मजबूत करने के लिए आज ‘Run For Unity’ के शुभारम्भ के समय ‘प्रधानमंत्री मोदी’ का यह कहना एकदम सही था कि, ‘’जो देश इतिहास को भुला देता है वह देश कभी भी इतिहास का विकास नहीं कर सकता |’’ लगभग 600 देशी रियासतों को एक कर अखंड भारत का निर्माण करने वाले पटेल की जयंती को एक बड़े आयोजन के रूप में मनाने वाले हमारे प्रधानमन्त्री और उनके राजनितिक कुनबे को पटेल की एक और विरासत की तरफ देखना चाहिए था और वह यह कि, उनके देहावसान के बाद उनकी कुल सम्पति थी 259 रूपये | उनकी इस विरासत को हमारे आज के नेता आगे बढाए ये तो आज हम सोच भी नहीं सकते | पूर्व की घटनाएं गवाह हैं कि आज पटेल अमर रहें के नारों से आकाश गुंजायमान करने वाले लोगों ने ही पटेल की ‘एकता, अखंडता और संप्रभुता के सिद्धांतो को गर्त में ढकेल दिया है |
आज उस सिंहनी ‘इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है जिनके लिए ‘अटल’ जी ने कहा था, ‘आप दुर्गा बन कर शत्रु पर टूट पड़ो हम आपके साथ हैं |’ लेकिन अटल जी की राजनीतिक विरासत को आगे बढाने की बात करने वाले मोदी जी ने उस काबिल प्रधानमंत्री के सम्मान में दो शब्द कहना भी उचित नहीं समझा | यह सर्वथा सत्य है कि अगर सरदार पटेल ने अखंड भारत की नीव रखी तो इंदिरा गांधी ने जीते जी उस अखंडता पर आंच नहीं आने दिया और उसी अखंड और सम्प्रभुत्व भारत की रक्षा करते हुए परलोक सिधार गईं |

शनिवार, 25 अक्तूबर 2014

पदचिन्हों को पूजने वाले इस देश में एक नया प्रतिक :

क्रिकेटर और एक्टर के फोटो से अटे पड़े सामानों से सजे बाजारों में अगर कोइ राजनीतिक शक्सियत सामानों का प्रतिक चिन्ह बन जाय तो यह राजनीति को हेय दृष्टि से देखने वाले युवा भारत के भविष्य के लिए खुशखबरी है ।
मोदी कुर्ता, मोदी जर्सी, और मोदी नाम के अन्य सामानों के बाद अब बाजार में मोदी पटाखा भी देखा जा सकता है । भले ही वह पटाखा बजने पर आवाज ना करे लेकिन उसे बेचने वाले यह बखूबी जानते हैं कि बस 'मोदी' का नाम ही काफी है स्टॉक खत्म करने के लिए ।