सोमवार, 17 जून 2013

द्वेष कि राजनीति

लोकतंत्र का नियम है कि जो जनता कि कसौटी पर खरा नही उतरा, वह् कभी भी लोकतांत्रिक शासन प्रणाली का हिस्सा नही हो सकता है| लेकिन अभी कुछ दिनो पहले बिहार में जो घटित हुआ, वह् ही जनता के कोप का नतीजा था, ही लोकतंत्र का नियम| लोकतंत्र को झोने वाली यह घटना पूरी तरह से एक आदमी के अहंकार का नतीजा थी| यह सच है कि आप बिहार में अच्छी सरकार चला रहे थे, आपने बिहार को विका के हर पहलू का दर्शन कराया| लेकिन पिछ्ले कुछ महीनों से जो अति-आत्मविश्वास आपमें दिख रहा था, वह् किसी भी दृष्टिकोण से अच्छा नही हो सकता है| पटना में निहत्थे शिक्षकों पर लाठी चार्ज हो या खगड़िया में आपके काफिले पर पत्थबाज़ी ये सब उसी आत्मविश्वास का नतीजा था| और अब यह बात बिहार कि जनता को भी भली-भाँति समझ में आने लगी थी, जो महराजगंज उपचुनाव के नतीजे से स्पष्ट हो गया| और अब तो हद ही हो गई जब आपने गठबंधन तोड़ने का फ़ैसला कर लिया| बिहार कि जनता ने गठबंधन सरकार को चुना था, कि यु सरकार को| आपका व्यक्तिग द्वेष नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री के उम्मीदवारी को लेकर था| लेकिन जहाँ तक मुझे पता है यह कहीं का नियम नही है कि जो आदमी चुनाव समिति अध्यक्ष बनेगा वही प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनेगा| आप और आपकी पार्टी के प्रतिनिधि भाजपा के नेताओं के साथ मिल-बैठकर इसका निदान निकल सकते थे| लेकिन घटित घटनाये इस ओर इंगित कर रही है कि जदयु नेता मौके की तलाश में थे जो उन्हे आडवाणी जी के इस्थिपा सौपने कि बात के रूप में मिल गया| अगर नितीश कुमार जी को भाजपा से इतनी ही घृणा थी तो वे ख़ुद का स्थिपा इस तर्क पर दे सकते थे, कि वे बिहार में उस गठबंधन सरकार का नेतृत्व नही कर सकते, जिसका प्रमुख घटक एक सम्प्रदायिक व्यक्ति को अपना मुखिया बना रहा है| लेकिन एक बात समझ से परे है कि नितीश कुमार जी के लिए नरेन्द्र मोदी कब से सांप्रदायिक हो गए? क्योँकि गुजरात दंगों के बाद भी नितीश जी को मोदी के साथ मंच साझा करते देखा गया है, और उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ते सुने गए है| यानी कि मोदी से नितीश की वैमनस्यता तभी से बढ़ी है, जब से मोदी का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए सामने आया है| नितीश जी को समझना चाहिए कि किसी भी क्षेत्र में आदमी कि प्रोन्नति उसके व्यक्तिगत् कार्य क्षमता पर निर्भर करती है| अब अपनी सरकार बचने के लिए नितीश कुमार अगर कांग्रेस का सहारा लेते हैं, तो उन्हें सोचना चाहिए कि से जनता में क्या संदेश जायेगा|

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