शुक्रवार, 22 अगस्त 2014

छोड़ द तू पीअल शराब

''हो जईहे जिनगी खराब, हे भैया,
छोड़ द तू पीअल शराब,
हे भैया...''
इस भोजपुरी गीत के माध्यम से शराबियों को आगाह किए जाने का यह प्रयास तो किसी भी तरह से परवान नहीं चढ़ पाया | लेकिन बीते कुछ दिनों से इस मादक पेय के नशे में मदमस्त शराबियों के पत्नियों की अनसुनी कर दी जाने वाली व्यथा अब एक भयानक रूप में नजर आने लगी है | अभी कुछ दिन पहले दिल्ली की एक घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया था, जहाँ शराबी पति की हरकतों से परेशान एक महिला ने खुद को ही खत्म कर लिया और इस हृदयविदारक घटना की सुचना उस अबोध को अपने पिता को देनी पड़ी, जो बच्चा यह भी समझने के काबिल नहीं था की कुछ ही देर पहले खुद की आँखों के सामने वह ममता की छाँव से मरहूम हो गया है | लखनऊ के गोमतीनगर की यह घटना भी हमें सोचने पर विवस करती है कि आखिर कब तक हमारी आधी आबादी नाकाम पौरुष की कथित मर्दानगी की भेंट चढ़ती रहेगी | 
आए दिन अपनी इह लीला समाप्त कर रही महिलाओं की जान क्या उस चंद पैसो से सस्ती है जो इस जहर को बेचने से हमारी सरकार को मिलती है | आंकड़े बताते हैं कि भारत में हर दिन सड़क हादसों में 461  लोगों की मौत होती है, जिसमे से एक बड़ी संख्या उन लोगो की होती है जो शराब पीकर गाड़ी चला रहे होते हैं |  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें