शुक्रवार, 13 मई 2016

दिल्ली, दोपहर और जूस वाला

आसमान से 42 डिग्री सेल्सियस का ताप फेंकता सूरज, आगे चलते हुए पिछवाड़े से आग फेंकती डीटीसी बस, गर्म हवा के थपेड़े और निचे से बाइक की तपती सीट, इसी बीच किसी छायादार पेड़ के निचे कोई 'दिलवाला जूस वाला' दिख जाए तो बाइक खुद-ब-खुद मुड़ जाती है...हम भी मुड़ ही गए हैं...हाँ भैया कौन सा बनाऊं 10 का, 20 का या 30 का...गर्दन झटक कर अपनी लंबी बालों को यथास्थान करते हुए जूस वाले भाई ने पूछा है...मैं भी 20 वाला कह कर उनके बाल, जूस के ठेले पर लिखे नाम 'दिलवाले' और दिलवाले वाले अजय देवगन तथा रवीना टंडन की तस्वीरों में सामंजस्य बैठाने लगा हूँ...देखकर अच्छा लगा है कि सिंघम स्टाइल वाले फैन्स के जमाने में अजय देवगन के दिलवाले वाले फैन भी हैं...भाई के बाल और जूस ठेले का नाम देखकर मन बचपन की उन यादों में गोते लगाने लगा है जब बरफ (आइसक्रीम) वाला पों पों बजाता था और हम दौड़ पड़ते थे...(एक गोलाकार बैलून की तरह होता था जिसे दबाने पर पों पों की आवाज आती थी, इसे ही बजाकर बरफ वाला अपने आने की सूचना देता था) साइकिल के स्टैंड पर रखे गए लकड़ी या टिन के डब्बे में से बरफ वाला बरफ निकालता। बात इशारों में ही होती थी कि 1,2 या 5 रुपया वाला चाहिए क्योंकि मुंह में पड़े गुटखे की मजबूरी उन्हें बोलने नहीं देती थी। जब दाम को लेकर विवाद होता तब भाई साहब किसी कोने में पच्च कर देते...तब आइसक्रीम शब्द गाँवों में उतना लोकप्रिय नहीं हुआ था, लेकिन नाम में आइसक्रीम या कुल्फी का उपयोग जरूर दिखता था...साइकिल पर बरफ के डब्बे के पीछे या उसी के सहारे लगाए गए लकड़ी के तख्ते पर ये लोग फिल्मी सितारों के नाम से ही अपने चलंत दूकान का नाम रख लेते थे जैसे 'ऐश्वर्या आइसक्रीम', 'काजोल कुल्फी' इत्यादि...
मैं इन्ही यादों में खोया था तभी जूस वाले ने जूस से भरा ग्लास बढ़ा दिया है...इस बार भाई साहब एक मशहूर गज़ल गुनगुना रहे थे...मैंने भी सुबह में All India Radio से प्राप्त उस गज़ल से संबंधित ज्ञान का उपयोग करते हुए पूछ दिया है...भाई ये जो आप गा रहे हैं इसे तो गाया है ग़ुलाम अली साहब ने, लिखा कौन है? तड़ाक से जवाब आया है...'हसरत मोहानी'...भाई मोदी जी ने मुझे भी रेडियो सुनना सीखा दिया है...जवाब के साथ मिले एक और जवाब ने मुझे हतप्रभ कर दिया है...सच में एक बात तो है, मोदी जी सिर्फ सरकार ही नहीं चला रहे...
आज का दिन क्यों ख़ास है ? किस महान हस्ती ने आज जन्म लिया या कौन बिछड़ गए... ये हममे से बहुत लोग नहीं जानते होंगे लेकिन उस दिलवाले हेयर स्टाइल जूस वाले को सब पता था क्योंकि वह दिन में रेडियो सुने ना सुने सुबह 8 बजे के न्यूज़ के साथ उससे पहले का कार्यक्रम भी जरूर सुनता है जिसमे यह सब बताया जाता है...ख़ैर आज मशहूर शायर, स्वतंत्रता सेनानी और संविधान सभा के सदस्य रहे हसरत मोहानी की पुण्यतिथि है...और इन्ही की लेखनी से निकली वह मशहूर गजल जिसे जूस वाले भाई साहब गुनगुना रहे थे वह है...

'चुपके-चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है,
हमको अब तक आशिकी का वो ज़माना याद है...'

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