मंगलवार, 17 दिसंबर 2013

क्या यह भारत की संप्रभुता पर हमला नहीं है?

मोदी को अमेरिकी वीजा ना देने के लिए अमेरिका को पत्र लिखने वाले 65 सांसद इस समय कहाँ हैं जब एक भारतीय राजनयिक के कपडे उतार कर उसकी तलाशी ली गई| क्या यह भारत की संप्रभुता पर हमला नही है कि, दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा अंतरिम आदेश जारी कर रोजगार के नियम एवं शर्तो के आधार पर भारत के बाहर 'देवयानी खोबरागडे' के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू करने पर रोक लगाने के बावजूद अमेरिका ने न सिर्फ उन्हें गिरफ्तार किया बल्कि उन्हें पुलिस स्टेशन में सेक्स वर्करों, अपराधियों और नसेड़ियों के बीच खड़ा किया गया। साथ ही उनकी डीएनए स्वेबिंग भी की गई। भारत को इसका जबाब कड़ाई के साथ देना चहिए, क्योकि यह पहला मौक़ा नहीं जब अमेरिका ने भारत को इस तरह नीचा दिखाने की कोशिश की है| पिछले साल ही भारतीय सिने जगत के मशहूर अभिनेता 'शाहरुख़ खान' अमेरिका में आयोजित किसी समारोह में भाग लेने गए थे तो न्यूयार्क एअरपोर्ट पर अधिकारियों ने उनके साथ बदतमीजी की थी| उसी न्यूयार्क एअरपोर्ट पर हमारी भारतीय महिला राजदूत की सिर्फ इसलिए तलाशी ली गई थी कि वो साड़ी पहने हुए थीं जो कि भारत की परंपरा है, क्या यह देश के साथ-साथ भारतीय संस्कृति का अनादर नहीं है| वहीं, भारतीय सिक्ख उच्चायुक्त की पगड़ी खोलकर तलाशी ली गई थी जो कि देश के साथ-साथ धर्म का भी अपमान है| इससे एक कदम आगे बढ़कर अमेरिका ने उस 'अब्दुल कलम जी' की तलाशी लेकर बदतमीजी की जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति हैं| आज अमेरिकी राजदूत को तलब करने और लोकसभा अध्यक्ष 'मीरा कुमार जी' तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार 'शिवशंकर मेनन' जी द्वारा अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से ना मिलने के फैसले से बात नहीं बनने वाली| भारत को अमेरिका की इस गुस्ताखी का मजबूती से जबाब देना चाहिए|




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